नौ दुर्गा पाठ सचित्र (छन्दों वाली)

 

भारत वर्ष एक धर्म-प्राण देश है यहाँ सभी धर्मों का एक समान आदर और सम्मान किया जाता है। यहाँ वर्ष भर में चैत्र मास और आश्विन मास में नवरात्रि का आयोजन होता है। सभी स्त्री-पुरुष नवरात्रि का व्रत, पूजन, हवन और दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ भी करते हैं। जो लोग संस्कृत भली-भाँति पढ़ और समझ सकते हैं वे संस्कृत में पाठ करते हैं किन्तु जो पुरुष या महिलायें संस्कृत न पढ़ सकते हैं और न समझ सकते हैं वे दुर्गा सप्तशती हिन्दी में ही पढ़कर मन को समझा लेते हैं।

ये बेचारे यह नहीं जानते कि किसी ग्रन्थ का पाठ गद्य में नहीं किया जाता। ग़द्य में किया गया पाठ निष्फल होता है। इन परिस्थितियों को विचार करके “शैदाजी” ने पूरी “दुर्गा सप्तशती” के तेरहों अध्याय सरल हिन्दी के छन्दों में रचना करके प्रकाशित कर दिया है ताकि संस्कृत न जानने वालों को भी व्रत, पूजन, पाठ का पूरा लाभ (फल) मिल सके। बढ़िया काग़ज़, लालरंग की शुद्ध छपाई वाली पुस्तक आज ही मँगा कर पढ़ें और देवी माँ की कृपा का आनन्द लें।