नौ लाख बरसों बाद भक्तों का भाग्य जागा
सम्पूर्ण श्री वाल्मीक रामायण
सरल हिन्दी भाषा के दोहा, चौपाई, छन्दों में भगवान राम का अनुकरणीय चरित्र अर्थों सहित २ जिल्दों में लगभग पृष्ठों में वर्णन किया गया है। भगवान राम का सम्पूर्ण प्रमाणित चरित्र वाल्मीक रामायण में ही है। इसे कम से कम पढ़ा व्यक्ति भी बड़ी सरलता से समझकर अपना कल्याण कर सकता है।
वाल्मीक रामायण से पहले राम चरित्र था ही नहीं। सर्वप्रथम वाल्मीकजी ने ही राम चरित्र की रचना की इसीलिये वाल्मीकजी को ‘आदिकवि’कहा जाता है। आप भी पूरे जीवन काल में एक बार अवश्य पढ़कर मनुष्य जीवन को सफल बना सकते हैं।
संस्कृत वाली रामायण और इस वाल्मीक रामायण में कोई अंतर नहीं है। सम्पूर्ण चरित्र ज्यों का त्यों अनुवाद किया गया है, साथ ही पढ़ते समय पूरा चरित्र टी.वी. की भाँति देखने जैसा आनन्द प्राप्त कर सकते हैं।